सामाजिक रूप से फैली अच्छाइयों और बुराइयों की किरणे जब मानस के अवचेतन के आईने से टकराकर परावर्तित या अपवर्तित होने के बाद जिन भावों के द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज करती हुई सीधी प्रतीत होती हैं, उन भावों को ‘आभासी प्रतिबिम्ब’ पुस्तक में पाठकों के लिए दर्शाया गया है। आभासी प्रतिबिम्ब लघु कथा संग्रह की पुस्तक हैं, जिसमें 45 भिन्न-भिन्न रोचक व प्रेरणादायक कहानियों को दर्शाया गया हैं।
वो कहानियाँ ही तो है, जो समाज का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें सच का आईना दिखाकर प्रोत्साहित करने अथवा सीख देने का प्रयास करती है। बस इसी मायने में, मेरा यह छोटा सा प्रयास भी ठीक वैसा ही हैं, जैसे किसी प्यासे को ठण्डा व शुद्ध पानी पिलाना।
सामाजिक रूप से फैली अच्छाइयों और बुराइयों की किरणे जब मानस के अवचेतन के आईने से टकराकर परावर्तित या अपवर्तित होने के बाद जिन भावों के द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज करती हुई सीधी प्रतीत होती हैं, उन भावों को ‘आभासी प्रतिबिम्ब’ पुस्तक में पाठकों के लिए दर्शाया गया है। आभासी प्रतिबिम्ब लघु कथा संग्रह की पुस्तक हैं, जिसमें 45 भिन्न-भिन्न रोचक व प्रेरणादायक कहानियों को दर्शाया गया हैं।
वो कहानियाँ ही तो है, जो समाज का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें सच का आईना दिखाकर प्रोत्साहित करने अथवा सीख देने का प्रयास करती है। बस इसी मायने में, मेरा यह छोटा सा प्रयास भी ठीक वैसा ही हैं, जैसे किसी प्यासे को ठण्डा व शुद्ध पानी पिलाना।