वृंदा तुलसी एक अनाथ और फिल्मी लड़की है, दूसरी तरफ राम एक ऑलमोस्ट अमीर और किताब प्रेमी लड़का है। वृंदा और राम की दुनिया तब बदल जाती है, जब वृंदा फिल्मी समाज और किताब चाटु समाज के बीच चल रही वर्षीय प्रतियोगिता, जिसका नाम ब्लूम फेस्टिवल है जीत जाती है। ये मुक़ाबला तो बस एक बहाना था! कृष्णा (राम का बड़ा भाई) वृंदा से एक मदद लेना चाहता था। इस मदद के जरिये वृंदा की मुलाक़ात राम के परिवार और दोस्तों से होती है। इसी उसे पता चलता है की राम की बड़ी बहन लिमा भी उसी की तरह एक अनाथ होती है। जिसे राम के पिता ने तरह साल की उम्र में गोद लिया होता है। जहाँ राम का परिवार लिमा से बेहद जुड़ा हुआ रहता है, वहीं कृष्णा और राम, लिमा से हमेशा से नफरत करते हुए ही नज़र आते हैं। राम से प्यार करते ही, वृंदा को राम की एक सच्चाई पता चल जाती है। अब यहाँ से वो किसे चुनेगी ये एक मुश्किल फैसला होगा।
वृंदा तुलसी एक अनाथ और फिल्मी लड़की है, दूसरी तरफ राम एक ऑलमोस्ट अमीर और किताब प्रेमी लड़का है। वृंदा और राम की दुनिया तब बदल जाती है, जब वृंदा फिल्मी समाज और किताब चाटु समाज के बीच चल रही वर्षीय प्रतियोगिता, जिसका नाम ब्लूम फेस्टिवल है जीत जाती है। ये मुक़ाबला तो बस एक बहाना था! कृष्णा (राम का बड़ा भाई) वृंदा से एक मदद लेना चाहता था। इस मदद के जरिये वृंदा की मुलाक़ात राम के परिवार और दोस्तों से होती है। इसी उसे पता चलता है की राम की बड़ी बहन लिमा भी उसी की तरह एक अनाथ होती है। जिसे राम के पिता ने तरह साल की उम्र में गोद लिया होता है। जहाँ राम का परिवार लिमा से बेहद जुड़ा हुआ रहता है, वहीं कृष्णा और राम, लिमा से हमेशा से नफरत करते हुए ही नज़र आते हैं। राम से प्यार करते ही, वृंदा को राम की एक सच्चाई पता चल जाती है। अब यहाँ से वो किसे चुनेगी ये एक मुश्किल फैसला होगा।