मैंने आनंद स्वभावको भारत के लिए एंबेसेडर (धर्मदूत) बनाया है। वे भारत भर में घूम रहे है, अब मैं तो कहीं आता—जाता नहीं हूं। और वे बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे है, शिविर संचालन, उद्यबोधन देना, अलग—अलग जगहों पर विभिन्न संस्थाओं में जाना। इस कारण वे अधिकांश समय भ्रमण पर ही होते है। अब हम हर देश में एंबेसेडर नियुक्त कर रहे है—कोई जो समाचार माध्यमों में मेरा प्रतिनिधित्व करे, शिविर संचालन करे, इस बात का ध्यान रखे कि देश में मेरे खिलाफ या मेरे पक्ष में क्या हो रहा है।
मैंने आनंद स्वभावको भारत के लिए एंबेसेडर (धर्मदूत) बनाया है। वे भारत भर में घूम रहे है, अब मैं तो कहीं आता—जाता नहीं हूं। और वे बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे है, शिविर संचालन, उद्यबोधन देना, अलग—अलग जगहों पर विभिन्न संस्थाओं में जाना। इस कारण वे अधिकांश समय भ्रमण पर ही होते है। अब हम हर देश में एंबेसेडर नियुक्त कर रहे है—कोई जो समाचार माध्यमों में मेरा प्रतिनिधित्व करे, शिविर संचालन करे, इस बात का ध्यान रखे कि देश में मेरे खिलाफ या मेरे पक्ष में क्या हो रहा है।