Language | Hindi |
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ISBN-10 | 8176040959 |
ISBN-13 | 978-8176040952 |
No of pages | 166 |
Font Size | Medium |
Book Publisher | Raja Pocket Book |
Published Date | 01 Jan 2016 |
देवदास और पारो के अमर प्रेम की कहानी जो प्रेम का प्रतीक बन गई|
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बचपन की शरारतों में ही देवदास और पारो के बीच प्रेम के अंकुर फूटने लगे थे| युवा हुए तो हालात ने उन्हें नदी के दो किनारों की तरह अलग-अलग दिशा में पटक दिया, फिर भी उनके हृदय में बसा प्रेम छटपटाता रहा| पूरी तरह समर्पित होते हुए भी वे एक-दूसरे को कभी न पा सके|
इस टू इन वन उपन्यास में जहा प्रेम के प्रतीक 'देवदास' की ट्रेजडीफुल कहानी है, वहीं 'चन्द्रनाथ' मानव-मन को झकझोरने वाली एक दूसरी ट्रेजडी है, जिसमें चन्द्रनाथ अपनी पत्नी सरयू को सन्देह की भेंट चढ़ा देता है और जब उसकी आंखे खुलती है तो...|