रजनी इंदिरा (Hindi)

Bankimchandra Chattopadhyay

Physical

In Circulation

जन्म से अंधी युवती रजनी को जब उसका 'प्रेम' हासिल हो गया तो प्रकृति ने उसकी आंखो की ज्योति भी लौटा दी|

यही नहीं, बल्कि फूलों की माला गूंथने वाली रजनी एक बड़ी संपत्ति की मालिक भी बन गई| इंदिरा ने मन, वचन और कर्म से उपेन्द्र को अपना पति माना था मगर डाकुओं द्वारा अपहृत किए जाने के बाद इंदिरा अपने पति को न पा सकी|

इंदिरा ने कुमुदिनी बन, बड़े धैर्य और लगन से अपने पति की सेवा भाव पर मोहित हो उठा| 'रजनी इंदिरा' बंगला साहित्य के यशस्वी लेखक बंकिमचन्द्र की टू- इन- वन पुस्तक है|

Language Hindi
ISBN-10 8176041750
ISBN-13 978-8176041751
No of pages 132
Font Size Medium
Book Publisher Raja Pocket Book
Published Date 01 Jan 2016

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