गधानामा: Gadhanama

Gagan Deep Chauhan

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अंदर के पन्नों से...

ये गधे की कहानी है और सृष्टि में गधा अमर प्राणी है। जब तक शाँत है तब तक सही है और जैसे बोला तो पता लग जाता है कि निरा गधा ही है। गधे की इस जीवन गाथा को कोई अंत नहीं दिया गया। क्योंकि ऐसा करना बहुत सारे गधों के साथ अन्याय हो जाता।

जी हाँ, ज़िंदगी में कितने ही गधों से पाला पड़ा और कितनों के बारे में सुनकर, पढकर या उनके क्रिया-कलाप देखकर पता लगा कि आदमजात को गधा बताने वाले क्यों ऐसा कहते हैं। फिर ये महसूस हुआ कि ऐसे गधों को ये बताना कितना ज़रूरी है कि आप गधे हैं। तो बताने के तरीके ढूंढते-ढूंढते निकल आया थोड़ा सा हास्य, थोड़ा सा व्यंग्य और एक छोटी सी कहानी, जिसके पात्र कहीं भी हो सकते हैं। ज़रा पढिए और अपने आस-पास ढूंढिए।

 

Language Hindi
No of pages 75
Font Size Medium
Book Publisher Red-Ink Publishers

About Author

Author : Gagan Deep Chauhan

NA

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