स्वातंत्र्योत्तर हिंदी- उर्दू कहानी का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करने वाला यह प्रबंध कार्य बम्बई विश्व- विद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्वाध्यक्ष एवं रवीन्द्रनाथ टैगोर तुलनात्मक अध्यासन के अध्यक्ष परमादरणीय डॉ. चन्द्रकांत बांदिवडेकर जी के कुशल निर्देशन में सुसंपन्न हुआ है| प्रबंध की रूपरेखा से लेकर निर्मिति तक की सृजन यात्रा उन्हीं की वात्सल्यपूर्ण सत्प्रेरणा एवं प्रोत्साहन का प्रतिफल है|
यह मेरे लिए आजन्म गौरव की बात रहेगी कि मराठी- हिंदी के महान आलोचक एवं तुलना शास्त्रज्ञ का मैं छात्र रहा हू| अपनी कार्यव्यस्तता और विविध व्यवधानों के बीच उन्होंने अपना अमूल्य समय देकर प्रबंध का आदयन्त अवलोकन किया| समय-समय पर अपने बहुमूल्य परामर्शों एवं संशोधनों द्वारा मुझे उपकृत किया है उनके प्रति केवल औपचारिक कृतज्ञता प्रकट करना पर्याप्त नहीं, तो उनके समक्ष विनम्रतापूर्वक नतमस्तक होना मैं अपना पुनीत कर्तव्य मानता हूं|
स्वातंत्र्योत्तर हिंदी- उर्दू कहानी का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करने वाला यह प्रबंध कार्य बम्बई विश्व- विद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्वाध्यक्ष एवं रवीन्द्रनाथ टैगोर तुलनात्मक अध्यासन के अध्यक्ष परमादरणीय डॉ. चन्द्रकांत बांदिवडेकर जी के कुशल निर्देशन में सुसंपन्न हुआ है| प्रबंध की रूपरेखा से लेकर निर्मिति तक की सृजन यात्रा उन्हीं की वात्सल्यपूर्ण सत्प्रेरणा एवं प्रोत्साहन का प्रतिफल है|
यह मेरे लिए आजन्म गौरव की बात रहेगी कि मराठी- हिंदी के महान आलोचक एवं तुलना शास्त्रज्ञ का मैं छात्र रहा हू| अपनी कार्यव्यस्तता और विविध व्यवधानों के बीच उन्होंने अपना अमूल्य समय देकर प्रबंध का आदयन्त अवलोकन किया| समय-समय पर अपने बहुमूल्य परामर्शों एवं संशोधनों द्वारा मुझे उपकृत किया है उनके प्रति केवल औपचारिक कृतज्ञता प्रकट करना पर्याप्त नहीं, तो उनके समक्ष विनम्रतापूर्वक नतमस्तक होना मैं अपना पुनीत कर्तव्य मानता हूं|